मुझे पता है, भाषणबाज़ी करना अलग बात है और निरुपमा जैसी लड़कियों को घर में झेलना बिल्कुल अलग बा त...
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मैं तथाकथित सनातन धर्म या दकियानुसी नियम क़ानूनों की दुहाई नहीं दे सकता, लेकिन देश के क़ानून को मानना अपरिहार्य है...और वह हमें अपनी मर्जी से शादी करने पर बंदिश नहीं लगाता.....और अगर निरुपमा केस की ही बात करें...तो उसने कोई गुनाह नहीं किया था...मुझे पता है, भाषणबाज़ी करना अलग बात है और निरुपमा जैसी लड़कियों को घर में झेलना बिल्कुल अलग बात...लेकिन एक बार समझने की पहल तो की ही जा सकती है...इतना भी कठिन नहीं तथकथित समाज के सवालों का जवाब देना...और सनातन धर्म की बंदिशों से पार पाना...